सामाजिक शोध के अर्थ को समझने के पूर्व हमें शोध के अर्थ को समझना आवश्यक है। मनुष्य स्वभावत: एक जिज्ञाशील प्राणी है। अपनी जिज्ञाशील प्रकृति के कारण वह समाज वह प्रकृति में घटित विभिन्न घटनाओं के सम्बन्ध में विविध प्रश्नों को खड़ा करता है। और स्वयं उन प्रश्नों के उत्तर ढूढने का प्रयत्न भी करता है। और इसी के साथ प्रारम्भ होती है। सामाजिक अनुसंधान के वैज्ञानिक प्रक्रिया, वस्तुत: अनुसन्धान का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के प्रयोग द्वारा प्रश्नों के उत्तरों की खोज करना है। स्पष्ट है कि, किसी क्षेत्र विशेष में नवीन ज्ञान की खोज या पुराने ज्ञान का पुन: परीक्षण अथवा दूसरे तरीके से विश्लेषण कर नवीन तथ्यों का उद्घाटन करना शोध कहलाता है। यह एक निरन्तर प्रक्रिया है, जिसमें तार्किकता, योजनाबद्धता एवं क्रमबद्धता पायी जाती है। जब यह शोध सामाजिक क्षेत्र में होता है तो उसे सामाजिक शोध कहा जाता है। प्राकृतिक एवं जीव विज्ञानों की तरह सामाजिक शोध भी वैज्ञानिक होता है क्योंकि इसमें वैज्ञानिक विधियों की सहायता से निष्कर्षों पर पहुँचा जाता है। वैज्ञानिक विधियों से यहाँ आशय मात्र यह है कि किसी भी सामाजिक शोध
चिन्तन एक मानसिक प्रक्रिया है और ज्ञानात्मक व्यवहार का जटिल रूप है। यह शिक्षण, स्मरण, कल्पना आदि मानसिक क्षमताओं से जुड़ा रहता है। प्राय: सभी प्राणियों में सोचने समझने एवं चिन्तन करनें की क्षमता होती है परन्तु मनुष्य बुद्धिबल एवं चिन्तनसे अन्य प्राणियों से विकसित प्राणी है। मनुष्य की प्रगति मुख्यत: उसके चिन्तनपर आधारित है और वह इसके उपयोग से वह अपनी कर्इ प्रकार की समस्याओं को हल करता है। सभी मनुष्यों में सोचने एवं समझने की क्षमता समान नहीं होती। किन्हीं में यह क्षमता निम्न स्तर पर होती है तो कर्इ मनुष्यों में यह मध्यम से उच्च स्तरीय होती है। कुछ मनुष्यों में यह क्षमता उच्चतम स्तर तक भी होती है। विचारों के आदान - प्रदान में व्यक्ति चिन्तन का प्रयोग करता है। चिन्तनको इन क्षमताओं से पूर्णतया अलग नहीं किया जा सकता। कर्इ लोगों के अनुसार चिन्तन प्रक्रिया में हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है तो कर्इ लोगों का यह मानना है कि मस्तिष्क के अतिरिक्त शरीर के अन्य भागों का भी चिन्तनसे संबंध है। अन्य मानसिक प्रक्रियाओं की अपेक्षा चिन्तन अधिक जटिल प्रक्रिया है और यह प्राय: अतीतानुभूतियों पर निर्भर करता है
मध्य प्रदेश राज्य की परीक्षाओं के विशेष महत्वपूर्ण तथ्य मुख्यमंत्री – श्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल – श्री राम नरेश यादव राज्य की राजधानी – भोपाल राज्य की भाषा – हिन्दी गठन – 1 नवंबर, 1956 कुल जिले – 51 राज्य का राजकीय पक्षी – दूधराज राज्य का राजकीय पशु – बारहसिंहा राज्य का राजकीय पुष्प – लिली राज्य का राजकीय फल – आम राज्य का राजकीय वृक्ष – बरगद साक्षरता दर – 69.3% पुरुष साक्षरता दर – 78.7% महिला साक्षरता दर – 59.2% लोकसभा सीटों की संख्या – 29 राज्यसभा सदस्यों की संख्या – 11 विधानसभा सीटों की संख्या – 230 राज्य का जनघनत्व – 236 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी कुल जनसंख्या (वर्ष 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार) – 7,26,26,809 पुरुष जनसंख्या – 3,76,12,306 महिला जनसंख्या – 3,50,14,503 दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर – 20,30% सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला – इंदौर न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला – हरदा सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला – बालाघाट न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला – भिंड सर्वाधिक जनघनत्व वाला जिला – भोपाल न्यूनतम जनघनत्व वाला जिला – डिंडोरी सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला – जबलपुर न्यूनतम साक्षरता दर वा
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